संविदा भर्ती के नए नियम से नुकसान चिकित्सा अधिकारी में 28000 तो नर्सिंग ऑफिसर में 8900 का अंतर
Samvida Karmi Latest News-नेशनल हैल्थ मिशन के तहत कार्यरत कर्मचारियों की योग्यता व काम समान होने के बाद भी मानदेय में बड़ा अंतर है।नेशनल हैल्थ मिशन के तहत संविदा सीएसआर नियम व अरजेंट टेम्परेरी बेसिस यूटीबी पर लगाया गया है। प्रदेश के युवा चिकित्सा अधिकारी, नसिंग ऑपफिसर, फा्मासिस्ट, लैब टेक्निशियन, असिस्टेंट रेडियोग्राफर, एएनएम व ऑप्थेल्मिक असिस्टेंट के पदों पर कार्यरत हैं।
सरकार ने संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण की बजाय संविदाकरण कर दिया। जबकि प्रदेश के संविदा नसेंज भी लिखित परीक्षा के माध्यम से चयन होकर आते है। प्लेसमेंट एजेन्सी के जरिए लगे नसेंज को हर माह महज 7900 रुपए मिल रहे हैं। यह वेतन अस्पतालों में काम कर रहे सफाई कर्मचारियों से भी कम है। नेशनल हेल्थ मिशन में सीएसआर के तहत लगे नसेंज को 18900 रुपए मिल रहे है। जबकि यूटीबी पर काम करने वाले को 37800 रुपए मिलेंगे। नए नियम के चलते बेरोजगारों ने भी नाराजगी जताई है।
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