ऐसा अभिनेता जिसकी खूबसूरती ही बन गई परेशानी, नहीं बन सके अमिताभ जैसे सुपरस्टार, 1 बात से टूटे और फिर बिखर गए
मुंबई. फिल्मी दुनिया में नाम कमाना और स्थापित होकर पहचान बनाए रखना दो अलग अलग बाते हैं. कई ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने नाम तो बहुत कमाया लेकिन खुद को स्थापित नहीं कर सके. या यूं कहें कि जो सुपरस्टार की श्रेणी में नहीं आ सके. फिल्मी दुनिया में कपूर खानदान का बड़ा नाम है लेकिन इसी परिवार में आपको कुछ ऐसे उदाहरण भी मिल जाएंगे, जिनका नाम फिल्मी दुनिया में प्रसिद्ध तो हुआ लेकिन वे अपनी एक जगह बॉलीवुड में फिक्स नहीं कर सके. कपूर खानदान के एक ऐसे ही शख्स हैं शशि कपूर (Shashi Kapoor). अपने दौर का यह हिट अभिनेता कभी भी स्टारडम को महसूस नहीं कर सक. इसके पीछे क्या कारण रहा आइए, जानने की कोशिश करते हैं…
शशि कपूर का असल नाम बलबीर राज कपूर था और उनका जन्म कलकत्ता में 18 मार्च 1938 को हुआ था. शशि पृथ्वीराज कपूर के बेटे थे. राज कपूर और शम्मी कपूर उनके बड़े भाई थे. पिता के निर्देशन में उन्होंने बचपन से ही अभिनय की शुरुआत कर दी थी. फिल्म ‘आग’ और ‘आवारा’ में वे चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर नजर आए थे. इसके बाद उन्होंने सुनील दत्त की डेब्यू फिल्म ‘पोस्ट बॉक्स 999’ से असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर शुरुआत की.
शर्मिला देखती ही रह गई थीं…
लीड एक्टर के तौर पर शशि कपूर ने साल 1961 में आई फिल्म ‘धर्मपुत्र’ से शुरुआत की थी. इसके बाद 60 के दशक के वे फेमस हीरो रहे. सबसे बड़ी बात यह थी वे उस दौर के सबसे खूबसूरत अभिनेताओं में शुमार किए जाते थे. शर्मिला टैगोर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वे जब शम्मी कपूर के साथ फिल्म कर रही थीं तो शशि कपूर सेट पर आए थे. वे इतने खूबसूरत थे कि वे उन्हें ही देखती रह गईं और शूटिंग ही नहीं कर पा रही थीं. शशि को देखने के लिए लोग सिनेमाघरों तक जाया करते थे. अपने दौर की सभी बड़ी एक्ट्रेसेज के साथ शशि ने स्क्रीन शेयर की थी.
किरदारों में नहीं मिल रही थी वैरायटी
ऐसा नहीं है कि शशि कपूर को अच्छी फिल्में नहीं मिलती थीं. लेकिन जो फिल्में मिलती थीं, उनमें उनकी खूबसूरती पर ही फोकस होता था. उन्हें एक्सपेरिमेंटल किरदारों के प्रस्ताव नहीं दिए जाते थे. फिल्मों में अमिताभ बच्चन ने जिस तरह से अलग अलग किरदार निभाए, उस तरह से शशि को मौका नहीं मिला. यहां तक कि हिट फिल्म ‘दीवार’ में भी अमिताभ को उनके बड़े भाई का किरदार दिया गया, जबकि वे उम्र में उनसे छोटे थे. मेकर्स को यही लगा था कि वे अमिताभ वाले किरदार में फिट नहीं बैठेंगे.
पत्नी की मौत के बाद लगा धक्का
जब फिल्मों में उनकी खूबसूरती परेशानी बनने लगी तो शशि ने लीक से हटकर फिल्में करना शुरू कर दीं. जिसमें ‘जुनून’, ‘कलयुग’, ‘उत्सव’ जैसी फिल्में शामिल हैं. वहीं, दूसरी तरफ जब साल 1984 में जब शशि की पत्नी जेनिफर कैंडल का निधन हुआ तो वे पूरी तरह से टूट गए. इसके बाद उन्होंने अपनी सेहत की तरफ ध्यान देना कम कर दिया और नतीजन उन्हें मोटापे ने घेर लिया. धीरे धीरे उनकी सेहत बिगड़ती गई और साल 2017 में 79 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया.