जमुई के बरहट पंचायत के स्कूलों में नवम कक्षा में नामंकन की शिक्षा विभाग की अनिवार्यता बच्चियों के शैक्षणिक भविष्य पर रोक लगा रहा है। शिक्षा विभाग के इस निर्देश से परेशान अभिवावक दो टूक कह रहें कि घर से दूर सुदूरवर्ती के स्कूलों में बच्चियों को पढ़ने नहीं भेजेंगे, चाहे इनकी पढ़ाई ही बंद क्यों न कराना पड़े।
विभाग और अभिवावक के निर्णय के बीच पिसती बच्चियों का रो-रोकर बुरा हाल है। इसकी बानगी प्रखंड के राजकीय शुक्रदास उच्च विद्यालय में देखने को मिली। बरहट पंचायत व नुमंर पंचायत की सीमा पर बरहट पंचायत अंतर्गत इस स्कूल में नुमंर पंचायत की छात्राएं रोते हुए नामांकन लेने की गुहार प्रधानाध्यापक से लगाई।
प्रधानाध्यापक ने नियम से बंधे होने का हवाला देते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी व उच्च अधिकारी से बात करने की बात कही। बच्चियां अभिवावक समेत प्रखंड कार्यालय पहुंच गए, लेकिन चुनाव कार्यालय में व्यस्त रहने के कारण कार्यालय में मौजूद नहीं थे।
छात्राओं ने इस आदेश पर क्या कुछ कहा
नवम वर्ग में नामांकन करवाने पहुंची बच्चियां संगम कुमारी, अंजनी कुमारी, प्रीति कुमारी, बिंदू कुमारी, प्रतिमा कुमारी, खुशबू कुमारी, शिल्पी कुमारी, रूपा कुमारी, गरिमा कुमारी, वैशाली कुमारी समेत दर्जनों छात्राओं ने बताया कि हम लोगों ने अपने गांव के ही स्कूल से आठवीं कक्षा पास की।
नवमीं कक्षा में नामांकन के लिए जब घर से दस कदम की दूरी पर प्लस टू शुक्रदास उच्च विद्यालय में गए तो विद्यालय के प्रधानाचार्या ईला कुमारी ने बताया कि विभाग की ओर से जारी पत्र में तुम्हारे विद्यालय के बच्चों का नामांकन नहीं लेना है। सिर्फ बरहट पंचायत के बच्चों का ही नामांकन लेने का आदेश है।
बताया कि तुम्हारे विद्यालय का नामांकन प्लस टू उच्च विद्यालय पचेश्वरी में होगा। छात्राओं ने बताया कि पचेश्वरी हम लोगों के घर से दो किलोमीटर दूर जंगल की ओर है। रास्ता भी सुनसान है। उधर, अक्सर शराबी, बदमाश लोग घूमते रहते हैं, जिससे डर बना रहता है।
मामले में अभिभावकों का क्या है कहना
अभिभावक दीपनारायण यादव, शोभन यादव, रंजीत यादव, जितेंद्र यादव, भूपेंद्र यादव समेत कई लोगों ने बताया कि पचेश्वरी घर से दो किलोमीटर दूर सुनसान जगह पर पड़ता है। जंगली क्षेत्रों में बच्चियों को पढ़ने के लिए भेजने से डर बना रहेगा। घर की इज्जत को बचाना है। जब इज्जत ही नहीं रहेगा तो पढ़ाने से क्या फायदा?
इस संबंध में प्लस टू शुक्रदास उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्य ईला कुमारी ने बताया कि विभाग द्वारा निर्गत आवंटित विद्यालय का ही नामांकन लेने का आदेश दिया गया है। बता दें कि कई छात्र भी इस नियम से पिस रहे हैं।